रायपुर दौरे पर आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि कोविड -19 महामारी ने देश के बुनियादी स्वास्थ ढांचे को पूरी तरह से उजागर किया,और सोचने पर विवश किया की इसे कैसे बदला जाए।
मंडाविया ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत 64,000 करोड़ रुपये की लागत से देश के हर जिले में एक क्रिटिकल केयर यूनिट स्थापित करने का फैसला किया है।
मनसुख मांडविया छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में ‘क्रिटिकल केयर हेल्थ ब्लॉक’ की आधारशिला रखने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे,जहा उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश बदल रहा है और आगे बढ़ रहा है.मांडविया ने कहा, स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बहुत सारे बदलाव हो रहे हैं, आगे कहा कि हमने COVID-19 के दौरान बहुत सी चीजें सीखीं। महामारी ने देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे की कमियों को उजागर किया और उन्हें कैसे पाटा जा सकता है।
उन्होंने कहा, “फिर, मोदी जी ने फैसला किया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत 64,000 करोड़ रुपये की लागत से देश के हर जिले में एक क्रिटिकल केयर यूनिट शुरू की जाएगी,उन्होंने कहा कि रायपुर एम्स में क्रिटिकल केयर यूनिट 100 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित की जाएगी,उन्होंने कहा कि यूनिट में 100 से अधिक बिस्तर, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सुविधाएं होंगी, ऐसी सुविधाएं आपातकालीन और सामान्य स्थितियों के दौरान मदद करेंगी।
मांडविया ने कहा कि देश में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में 1,60,000 से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र काम कर रहे हैं, जबकि माध्यमिक देखभाल के लिए जिला अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का काम तेजी से चल रहा है,जहां तक टर्शरी केयर की बात है तो आज देश में 16 एम्स की स्थापना का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा, कुल मिलाकर, देश में 22 एम्स स्थापित किये जा रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत अगले चार वर्षों में 750 जिलों में से प्रत्येक में औसतन 100 करोड़ रुपये का निवेश करने का लक्ष्य है,उन्होंने एम्स रायपुर के संकाय और छात्रों के साथ बातचीत की और उन्हें स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया।