फिलिस्तीन और इसराइल के बीच जारी युद्ध में अब तक 12 हजार के ज्यादा लोगो की मौत हो चुकी है,इस जंग में फिलिस्तीन के 10 हजार से ज्यादा लोगो की जान जा चुकी है वही इसराइली हमले को लेकर दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे है लेकिन हमारे देश भारत में फिलिस्तीन के पक्ष में समर्थन करना मानो अपराध हो चुका है जहा कोई अगर करता है तो उसके खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की जाती है।दरअसल,आईआईटी बॉम्बे द्वारा इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर एक व्याख्यान रद्द करने के एक दिन बाद, कुछ छात्रों ने इस मुद्दे पर एक अन्य कार्यक्रम के खिलाफ शहर पुलिस को शिकायत सौंपी है।
पवई पुलिस स्टेशन को लिखे एक पत्र में, छात्रों ने थिएटर निर्देशक और अभिनेता सुधन्वा देशपांडे की एक बातचीत पर आपत्ति जताई, जहां उन्होंने अन्य बातों के अलावा, फिलिस्तीनियो के साथ अपनी बातचीत का वर्णन किया था।वही,मुंबई में इजराइल के काउंसिल जनरल कोबी शोशानी ने भी कार्यक्रम का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर आने पर हैरानी व्यक्त की।
एक दिन पहले, लेखक और शिक्षाविद् अचिन वानाइक का इजरायल-फिलिस्तीन,ऐतिहासिक संदर्भ शीर्षक वाला एक अलग व्याख्यान अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण ग्यारहवें घंटे में रद्द कर दिया गया था। दोनों कार्यक्रम प्रमुख संस्थान के मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित किए गए थे। छात्रों ने दावा किया कि देशपांडे ने अपनी आभासी बातचीत में, सशस्त्र विद्रोह और हिंसा का महिमामंडन किया। उन्होंने विशेष रूप से फ़िलिस्तीन का दौरा करने और फ़िलिस्तीनी एक्टिविस्ट और सांस्कृतिक कार्यकर्ता ज़कारिया ज़ुबैदी से मिलने के बारे में अभिनेता की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई, जिन्हें छात्रों ने आतंकवादी बताया था।
अपनी बातचीत में देशपांडे के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने फिलिस्तीनियों द्वारा इजरायल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष को ‘स्वतंत्रता संग्राम’ बताया है। विश्व के इतिहास में उपनिवेशवाद के इतिहास में ऐसा कोई भी स्वतंत्रता संग्राम नहीं हुआ है जो 100% अहिंसक हो। ऐसा कभी नहीं है! भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 100% अहिंसक नहीं था इत्यादि इत्यादि। ऐसा दावा किया जाता है कि थिएटर व्यक्तित्व ने कहा था। पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं की है, जिसकी जांच की जा रही है।