महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस को लेकर दिए गए बयान से विवाद खड़ा हो गया है जिसमे उन्होंने देवेंद्र फड़णवीस को नागपुर का कलंक करार दिया था जिसको लेकर राजनीतिक गलियारों में लड़ाई छिड़ गई है।
आगे कहते है की यह नागपुर के लिए एक ‘कलंक’ है। फड़णवीस का एक पुराना ऑडियो क्लिप चलाते हुए जिसमें उन्होंने कहा था कि वह कभी भी राकांपा से हाथ नहीं मिलाएंगे, ठाकरे ने कहा कि भाजपा नेता की “नहीं का मतलब हां” होता है।
महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख ने भी फड़णवीस का समर्थन किया और उन्हें राज्य के लिए ‘रत्न’ कहा, न कि ‘दाग’ उन्होंने आगे कहा की उद्धवजी, आप ही हैं जो दागदार हैं। आपने हमारी पीठ में छुरा घोंपा। आप अहंकारी हैं। आप संकीर्ण सोच वाले हैं। राजनीतिक मतभेद हैं लेकिन कोई भी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करता। देवेन्द्र जैसे धर्मात्मा व्यक्ति की ऐसी आलोचना करके विकृत तरीके से, आपने मेरे मन में आपके लिए जो थोड़ा सा भी सम्मान था उसे भी नष्ट कर दिया है,उन्होंने भाजपा से पूछा कि जब वह दुनिया में नंबर एक राजनीतिक पार्टी होने का दावा करती है तो उसे अन्य पार्टियों को विभाजित करने की आवश्यकता क्यों है।
ठाकरे ने कहा की आपने शिवसेना को चुराया ,अब एनसीपी को चुरा लिया यह समस्या दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के सामने क्यों आया है? इसका अर्थ बहुत सरल है, आपके पास सत्ता की मस्ती है और कोई ‘आत्मविश्वास’ नहीं है।
उन्होंने कहा, भाजपा इतनी बड़ी और शक्तिशाली बनने के बाद भी महसूस करती है कि वह चुनाव नहीं जीत पाएगी आगे कहते की इसलिए वे ईडी, आयकर और पुलिस का उपयोग करके अपने सामने किसी को नहीं चाहते हैं। उन्होंने भाजपा को इन एजेंसियों को एक तरफ रखने और राजनीतिक क्षेत्र में आने की चुनौती दी।