दिल्ली सेवा बिल के विरोध में विपक्ष संसद में भले ही एकजुट रहा परंतु संख्याबल कम होने की वजह से बिल दोनो सदनों में पारित हो गया,लेकिन विपक्ष की एकजुटता से देश में यह संदेश संदेश गया की भविष्य में भी इंडिया गठबंधन एकजुट रहेगा,वही दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी को पत्र लिखा और जीएनसीटीडी (संशोधन) विधेयक को खारिज करने और इसके खिलाफ मतदान करने में कांग्रेस पार्टी के समर्थन के लिए दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की ओर से आभार व्यक्त किया।
पत्र में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने संसद में दिल्ली सेवा विधेयक के विरोध में आप को समर्थन देने के लिए कांग्रेस पार्टी की सराहना की कहा मुझे यकीन है कि हमारे संविधान के सिद्धांतों के प्रति आपकी अटूट निष्ठा दशकों तक याद रखी जाएगी, इसे पार्टियों के बीच भविष्य की साझेदारी के संकेत के रूप में देखा जा सकता है, दिल्ली के सीएम ने लिखा, हम संविधान को कमजोर करने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ाई में आपके निरंतर समर्थन की आशा करते हैं।
दिल्ली सेवा विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो गया
दिल्ली सेवा विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में पारित हो गया जिसके बाद विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला और बिल पेश किया और साथ ही बिल पर चर्चा और बहस का नेतृत्व किया।
जबकि आम आदमी पार्टी संसद के अंदर बिल के खिलाफ विपक्ष का समर्थन पाने में कामयाब रही, लेकिन संख्याएं भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के पक्ष में थीं, क्योंकि बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस के सांसदों ने भी बिल के पक्ष में वोट था ,जिसके बाद दिल्ली सेवा बिल आसानी से राज्यसभा में पास हो गया, बिल के पक्ष में 131 वोट पड़े और बिल के खिलाफ 102 सदस्यों ने वोट किया।
वही आम आदमी पार्टी इस बिल को शुरू से ही “असंवैधानिक” बताती रही है, और इसका पुरजोर विरोध किया है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस विधेयक को राष्ट्रीय राजधानी के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह कानून के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता है।