मानसून के साथ आंखों के संक्रमण समेत कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। पिछले कुछ हफ्तों से राष्ट्रीय राजधानी और अन्य क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के बीच, दिल्ली एनसीआर में कंजंक्टिवाइटिस के कई मामले सामने आए हैं। हर साल मानसून के मौसम में कंजंक्टिवाइटिस के मामले सामने आते हैं। आंखों में लालिमा और खुजली इसके लक्षण हो सकते हैं।
विशेषज्ञों और डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे विशेष रूप से आंखों के संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। साथ ही आंखों में संक्रमण के साथ-साथ बच्चों में खांसी-जुकाम के मामले भी सामने आ रहे हैं।
डॉक्टरों का कहना है की स्वच्छता बनाए रखे और अपने व्यक्तिगत सामान, जैसे तौलिया रूमाल आदि को अलग रखना आवश्यक है, ताकि इसे परिवार के अन्य सदस्यों में फैलने से रोका जा सके और इन स्थितियों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।
दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुज मेहता ने कहा, पिछले दो दिनों से हमें प्रतिदिन लगभग 80-100 मामले मिल रहे हैं और इनमें से 30 प्रतिशत बच्चे हैं। जहां तक एहतियात की बात है तो स्वच्छता मुख्य बात है। जिन लोगों को कंजंक्टिवाइटिस है, उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए और बच्चों को ऐसा करना चाहिए। स्कूल जाने से बचें। चूंकि यह स्पर्श के माध्यम से फैलता है, इसलिए बच्चों को अपनी आंखों को छूने और फिर अन्य वस्तुओं को छूने से बचना चाहिए। उन्हें अपने रूमाल और तौलिये को अलग रखना चाहिए
शुरुआती 3-4 दिनों तक यह अत्यधिक संक्रामक है, उन्हें इससे बचना चाहिए और खुद को अलग कर लेना चाहिए। जिन लोगों को यह नहीं हुआ है उन्हें अपने हाथ धोने चाहिए या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। बच्चों को तैरने से बचना चाहिए क्योंकि तैरते समय यह आसानी से फैल सकता है।