27 C
Mumbai
Monday, December 4, 2023

किसी लेख में गलत बयान देना भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत अपराध नहीं – सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि किसी लेख में गलत बयान देना भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत अपराध नहीं है। शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी मणिपुर में हुई जातीय हिंसा पर एक रिपोर्ट को लेकर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्यों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकियों को चुनौती देने वाली याचिका के मद्देनजर आई है।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) के अध्यक्ष और गिल्ड की तथ्यान्वेषी टीम के तीन सदस्यों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जो राज्य में जातीय संघर्ष की मीडिया रिपोर्टों का आकलन करने के लिए मणिपुर गए थे। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि टीम द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट झूठी, मनगढ़ंत और प्रायोजित थी, और प्रथम सूचना रिपोर्ट में आरोपों में विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना शामिल था। अदालत ने आश्चर्य जताया कि केवल एक रिपोर्ट प्रस्तुत करना कैसे अपराध हो सकता है और कहा कि एफआईआर में उल्लिखित समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का अपराध सामने नहीं आता है।

भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा, जिस शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें अपराध का कोई संकेत नहीं है। ईजीआई के चार सदस्यों को उनके खिलाफ दर्ज दो प्राथमिकियों के संबंध में दंडात्मक कार्रवाई से दी गई सुरक्षा दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी गई है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles